Kanhaiya Lal Badgujar
मैं अपनी कल्पनाओं में खोया रहता हूँ , वस उन्हीं में से कुछ लिख लेता हूँ |
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गुरुवार, 3 जनवरी 2019
तुँ कैड़ी छः उळझण, सब फिर-घिर थामें धंसे छः
थारो नाम रख दुँ नागण, तुँ जवानी सब ने डंसे छः
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