Kanhaiya Lal Badgujar
मैं अपनी कल्पनाओं में खोया रहता हूँ , वस उन्हीं में से कुछ लिख लेता हूँ |
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मंगलवार, 23 अक्टूबर 2018
"चाँदनी रात सुहानी
झील - मिल तारों में चाँद सुहाना
ठण्डी हवाओं के संग यादें सुहानी
जाने कहाँ से आई यह खुशबू तुम्हारी"...
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