क्या लिखूँ ऐ मेरी कलम
पहले तु रूकती नहीं , क्यों अब चलती नहीं...
पहले तु रूकती नहीं , क्यों अब चलती नहीं...
हाल ऐ दिल का क्या कहूँ
पहले कुछ कहता नहीं, कोई अब सुनता नहीं...
पहले कुछ कहता नहीं, कोई अब सुनता नहीं...
हाल ए इश्क का बताऊं किसे
वो रूठे ही नहीं तो मनाऊं किस...
वो रूठे ही नहीं तो मनाऊं किस...
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